लोक प्रशासन - A UGC-CARE Listed Journal

Association with Indian Institute of Public Administration

Current Volume: 16 (2024 )

ISSN: 2249-2577

Periodicity: Quarterly

Month(s) of Publication: मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर

Subject: Social Science

DOI: https://doi.org/10.32381/LP

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वैकल्पिक विवाद निपटान व्यवस्था

By : लुके कुमारी

Page No: 45-61

Abstract
भारतीय न्यायिक व्यवस्था मूल रूप से अंग्रेजी न्यायिक संहिता पर आधारित है। जिसे हम भारतीय आपराधिक दंड संहिता तथा भारतीय नागरिक संहिता के मध्य विभाजित कर सकते हैं आपराधिक दंड संहिता के दो हिस्से हैं। प्रथम, तात्विक न्याय तथा प्रक्रियात्मक न्याय। इन्हीं के मध्यनजर भारत में विवादों के समाधान की प्रक्रिया को पूरा किया जाता है। हम जानते हैं कि भारत जैसे विकासशील देश में न्यायाधीशों और न्यायालयों की कम संख्या न्याय प्राप्ति की प्रक्रिया को बाधित करती है। न्याय की मूल माँग है कि उचित समय में व्यक्ती को उसका हक प्राप्त हो सके। वैकल्पिक विवाद निपटान व्यवस्था भारतीय न्याय प्रणाली को वह आधार प्रदान करती है जिससे कि न्याय की पहुँच पंक्ति में खड़े सबसे अंतिम व्यक्ति को भी प्राप्त हो सके।

Author :
लुके कुमारी :
 सहायक प्रोफेसर, राजनीति विज्ञान विभाग, भारती कॉलेज, दिल्ली विश्वविद्यालय।
 

DOI: https://doi.org/10.32381/LP.2024.16.01.4

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