लोक प्रशासन - A UGC-CARE Listed Journal

Association with Indian Institute of Public Administration

Current Volume: 16 (2024 )

ISSN: 2249-2577

Periodicity: Quarterly

Month(s) of Publication: मार्च, जून, सितंबर और दिसंबर

Subject: Social Science

DOI: https://doi.org/10.32381/LP

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भारत में सकारात्मक कार्यवाही और आरक्षण

By : अरविन्द कुमार यादव

Page No: 189-224

Abstract
भारत में कई दशकों से सकारात्मक कार्यवाही नीति के तहत समाज के उपेिक्षत वर्गो को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने का प्रयास किया जाता रहा है। सरकार ने उपेक्षित वर्गों के चहुँमुखी विकास के लिए सामाजिक न्याय के तहत अनेक लक्ष्य निर्धारित किए हैं जिसमें उनके समावेशीकरण करने के लिए अनेक नीतिया प्रमुख हैं। भारतीय समाज के उपेि क्षतों को मुख्यधारा में शामिल करने के लिए अनुसूचित जाति, जनजाति, पिछड़ा वर्ग, दिव्यांग, महिला और आर्थिक रूप से कमजारे वर्गों के लिए भारतीय संविधान में आरक्षण का प्रावधान किया गया है ताकि आरक्षित वर्गों का सामाजिक, आर्थिक और  शैक्षणिक पिछड़ापन को दूर किया जा सके। संविधान का यह लक्ष्योन्मुख प्रावधान राष्ट्र निर्माण की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहा है। प्रस्तुत शोध-पत्र में आरक्षित समुदायों के ऊपर आरक्षण का सकारात्मक और नकारात्मक प्रभाव को विभिन्न तथ्यां एवं आंकड़ों की सहायता से समीक्षा की गई है। 

Author :

अरविन्द कुमार यादव : एसोसिएट पा्र ेफेसर, राजनीतिक विज्ञान विभाग, डाॅ. भीमराव अम्बेडकर महाविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय,दिल्ली।
 

DOI: https://doi.org/10.32381/LP.2023.15.02.13

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